टाई बाँधना और बच्चों को बँधवाना
⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬टाई बांधना इस्लाम में सख्त मना है। यह ईसाईयों का मजहबी शिआर (पहचान) है। उनके अक़ीदे के मुताबिक हजरत ईसा अलैहिस्सलाम को यहूदियों ने फांसी दी थी। ईसाई इस फांसी के फंदे को गले में आज तक गले मे डाले हुए हैं ,जिसे टाई कहा जाता है ।
लेकिन कुरआन करीम में फरमाया गया है कि हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को खुदाए तआला ने जिंदा उठा लिया और काफी हदीसों में यह बात साबित है कि अब भी हयाते ज़ाहिरी के साथ आसमानों पर तशरीफ़ फरमा है, क़ियामत के करीब ,ज़मीन पर तशरीफ़ लायेंगे और इस्लाम फैलायेंगें।लिहाज़ा इस्लामी नुक़्तए नज़र से फाँसी का वाकिया मन गढ़न्त है और गलत है जो यह अक़ीदा रखे कि ईसा अलैहिस्सलाम को फांसी दे दी गई वह मुसलमान नहीं बल्कि काफिर है क्योंकि वह क़ुरआन व हदीस का मुन्किर है।
मुसलमानों! अब तो आँखें खोलो । तुमने काफिरों की नकल कि उसके अंदाज अपनाएं लेकिन मौजूदा दौर के हालात से यह खूब जाहिर हो गया है कि वह भी तुम्हारे दुश्मन ही रहे और तुम्हें मिटाने और कत्ल करने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं।
लिहाज़ा अब खुदारा अपने इस्लामी तरीके अपनाओ सच्चे पक्के मुसलमान बनो । फिर देखना खुदाए तआला व रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम भी राज़ी होंगे और दुनिया में भी इज़्ज़त व अज़मत नसीब होगी। इस मौके पर यह भी जान ले कि जो लोग छोटे बच्चों में लड़कों को लड़कियों की तरह और लड़कियों को लड़कों की तरह लिबास पहनाते हैं। इसका अज़ाब का गुनाह भी उन्हीं पहनाने वालों पर है।
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह, पेज 107)
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