मुक़तदी के सर पर इमामा और इमाम के सर न हो
⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬क्या मुकतदी सर पर इमामा जिसे साफा और पगड़ी भी कहते हैं, बाँध कर नमाज़ पढे और इमाम के सर पर पगड़ी न हो तो इसको कुछ लोग बहुत बुरा जानते हैं । बल्कि कुछ यह समझते हैं कि इस सूरत में मुक़तदी, की नमाज़ दुरुस्त नहीं हुई, यह ग़लत बात है ।
क्या इमाम के सर पर इमामा न हो और मुकतदी के सर पर हो तो मुक़तदी की नमाज दुरुस्त और सही हो जायेगी । आलाहज़रत रदियल्लाहु अन्हु से यह मसअला मालूम किया क्या तो फरमाया बिला तकल्लुफ़ दुरुस्त है ।
(फतावा रज़विया, जिल्द 3,सफहा 273, इरफाने शरीअत, सफहा 4)
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