Wednesday


बगैर रुमाली के पाजामे या जांघिये को पहन कर नमाज़ पढ़ना

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यह भी कुछ लोगों में एक आम ख्याल है जिसकी कोई हकीकत नहीं ।  पाजामे या जाघिंये(अंडर वियर )में रूमाली होना नमाज़ की दुरुस्तगी के लिए बिल्कुल ज़रूरी नहीं है l बगैर रूमाली के पाजामे और जांघिये से नमाज़ बिला कराहत जाइज़ है । हाँ जो लिबास और कपड़े ग़ैर मुस्लिमों के लिए मखसूस हैं उनको पहनना गुनाह है ,औंर उनमें नमाज मकरूह है । अग्रेजी पैन्ट और शर्ट में इस जमाने में उलमाए किराम ने नमाज़ मकरूहे तनज़ीही होने का फतवा दिया है ! जैसा कि बरेली शरीफ़ से छपी हुई फतावा मरकज़ी, दारुल इफ्ता सफहा 207 पर इसकी तफसील मौजूद है ।  यह इसलिए नहीं कि पैन्ट में रूमाली नहीं होती बल्कि इसलिए है कि अग्रेज़ो का खास , कौमी लिबास रह चुका है और अब भी दीनदार मुसलमान इस लिबास को अच्छा नहीं समझते ।
लिहाजा अब भी अग्रेज़ी पैन्ट और शर्ट में नमाज अदा करना मुनासिब और बेहतर नही और इस लिबास से बचना ही बेहतर है । लेकिन अगर पढ़ ली तो हो जाएगी।

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