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कब्रिस्तानों में चिराग व मोमबत्ती जलाने और अगरबत्ती लोबान सुलगाने का मसअला

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शबे बरात वगैरह के मौके पर कब्रिस्तानों में चिराग बत्तियां की जाती हैं । इस बारे में यह जान लेना ज़रूरी है कि बिल्कुल खास कब्र के ऊपर चिराग व मोमबत्ती जलाना लोबान व अगरबती सुलगाना मना है । कब्र से अलाहिदा किसी जगह ऐसा करना जाइज़ है जबकि इन चीज़ो से वहाँ आने जाने और कुरआन शरीफ और फातिहा  वगैरह पढने वालों को या राहगीरों को नफा पहुँचने की उम्मीद हो । यह ख्याल करना कि इस की रोशनी और खुशबू कब्र में जो दफन हैं उनको पहुंचेगी जहालत ,नादानी,नावाकिफी  और गलतफहमी है । दुनिया की रोशनियाँ सजावटें और डेकोरेशन वगैरह जो कब्रिस्तानों में करते हैं और यह खुशबूए मुर्दों को नहीं पहुँचती मुर्दों को सिर्फ सवाब ही पहुँचता है । मुर्दा अगर जन्नती हैं तो उसके लिए जन्नत की खुशबू और रौशनी काफी है । औंर जहन्नमी के लिए कोई रोशनी है न खुशबू ।
(सही मुस्लिम,  जिल्द 1 सफहा 76, फतावा रजविया, जिल्द 4 सफहा 141)


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