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महफिले मीलाद में ज़िक्रे शहादत 

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कुछ लोग महफिलें मीलाद मेंहज़रत सय्यिदिना इमामे हुसैन  रदियल्लाहु तआला अन्हु और आप के भाइयों , भतीजो और भांजे की शहादत के वाकिआत बयान कर देते हैं हालांकि यह मुनासिब नहीं है।
       महफ़िले मीलाद , रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम कि विलादत की खुशी की महफिल है इसमें ऐसे वाकिआत बयान नहीं करना चाहिए जिनको सुनकर रंज व मलाल, गम और दुख हो ।
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आला हज़रत इमामे अहले सुन्नत फ़रमाते है:
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उलेमाए किराम ने मजलिसे मीलाद शरीफ में ज़िक्रे शहादत से फरमाया है कि वह मजलिसे सुरूर है जिक्रे हुज़्न मुनासिब नहीं।
(अहकामे शरीअत, हिस्सा 2,सफ़हा 145)
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह, पेज 108)

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