साली और भावज से मज़ाक़ करना
⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬बाज़ लोग साली और भावज से मजाक करते बल्कि उसे अपना हक़ ख्याल करते हैं और उन्हें इस किस्म की बातों से रोका टोका जाए तो कहते हैं कि हमारा रिश्ता ही ऐसा है हालांकि इस्लाम में यह मज़ाक हराम बल्कि सख्त हराम जहन्नम का सामान है। औरतों और मर्दों के दरमियान मखसूस मामलात से मुतअल्लिक गन्दी और बेहूदा बातें ख़्वाह खुले अल्फ़ाज़ में कही जायें या इशारों किनायों में सब मज़ाक हैं और हराम है। हदीस शरीफ़ में जेठ देवर और बहनोई से पर्दा करने की सख्त ताकीद आई है। और जिस तरह मर्दों के लिए साली और भावज से मज़ाक हराम है ऐसे ही औरतों को भी देवर और बहनोई से मज़ाक़ हराम है।
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह ,पेज 135)
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