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इस ज़माने की एक बड़ी नेकी 

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अगर आप अपनी,अपने बेटे या भाई की शादी करना हैं। और आप के अजीजों,करीबों,रिशते दारों या अहले
ना में कोई गरीब लड़की है। जिस से आपका रिशता शअन दुरूस्त है,तो उस से बगैर खर्चा कराये बगैर बारात वगैरा चढ़ाये हुये और बगैर जहेज लिए हुये और दम सादा निकाह कीजिए जैसे कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने किए थे। और उस को साथ इज़्ज़त के अपने घर में बीवी बना कर रखिये। यह ज़माने की बहुत बड़ी हमदर्दी और नेकी है। और ऐसा करने वालों को जिहाद का सवाब मिलेगा। आज लोग ख्वाम ख्वाह की हमदर्दियाँ तो दिखाते हैं। अज़ीज़ों, रिशते दारों और खान्दान वालों की तरफ से लड़ने मरने को तैयार जाते हैं। लेकिन जवान लड़कियां घरों में पल रही हैं। उनकी वजह से लोग परेशान हैं और यह उनके रिशते मन्ज़ूर नहीं करते। हमदर्दी इस का नाम है कि आप के अज़ीज़ को जो परेशानी हो वह दूर की जाये। जब्कि वह आप के बस की बात है। यह कहाँ की हमदर्दी,रिशतेदारी और कराबत है कि आप दौलत और मालदारी की वजह से इधर उधर रिशते तलाश कर रहे हैं। और आप के अज़ीज़ अपनी लड़की के लिए परेशान और दुखी हैं।
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह, पेज 179)

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