मय्यत का खाना
⏬⏬⏬⏬⏬⏬मय्यत के तीजे, दसवें या चालीसवें वगैरहा के मौके पर दावत करके खाना खिलाने का जो रिवाज है यह भी महज़ गलत है और खिलाफे शरअ है I हाँ गरीबों और फकीरों को बुलाकर खिलाने में हरज नही । *आला हज़रत फरमाते हैं मुर्दे का खाना सिर्फ फकीरो के लिए है आम दावत के तौर पर जो करते है यह मना है गनी न खाए*।
(अहकामे शरीअत , हिस्सा दोम, सफ'हा 16 )
*और फरमाते हैं मौत में दावत बे मअना है फ़तहुल कदीर में इसे बिदअते मुसतकबहा फरमाया* I
(फतावा रजविया, जिल्द 4 ,सफहा 221)
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