अक़ीके का गोश्त दादा दादी और नाना नानी के लिए नाजाइज़ समझना
⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬कुछ लोग अकीके का गोश्त दादा दादी और नाना नानी के लिए खाने को नाजाइज़ ख्याल करते हैं यह बहुत बड़ी जहालत नादानी और गलतफहमी है। अकीके का गोश्त दादा दादी और नाना नानी के लिए खाना बिला शुबा जाइज़ है बल्कि जहाँ इस खाने को बुरा जानते हों वहाँ उनके लिए खाना ज़रूरी है।
और वह खायेंगे तो रिवाज़ मिटाने का सवाब पायेंगे।
आलाहजरत इमामे अहले सुन्नत मौलाना अहमद रजा खाँ साहब अलैहिर्रहमतु वर्रिदवान से इस बारे पूछा गया तो फ़रमाया:-सब खा सकते हैं, उकूदुददरिया में है :
احكامها احكام الا ضحية
(अलमलफूज़ हिस्सा अव्वल सफ़ा 46)
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह,पेज 162)
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