Galat fehmiya aur unki islah Hindi
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फिरऔन का ख़्वाब
Wednesday
मय्यत को ग़ुस्ल देने के बाद ग़ुस्ल करना
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मय्यत को गुस्ल देने के बाद गुस्ल करना अच्छा है लेकिन जरूरी नहीं कि जिस ने मय्यत को गुस्ल दिया हो वह बाद में खुद गुस्ल करे इसको जरूरी ख्याल करना गलत है ।
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह ,पेज 19)
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