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गुर्दे खाने का मसअला

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गुर्दे खाना जाइज़ है लेकिन हुज़ूर अकदस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने पसन्द न फरमाया इस वजह से कि पेशाब इसमें हो कर मसाने में जाता है ।
(अलमलफूज़ स.341 रज़वी किताब घर देहली)
इस का खुलासा यह है कि हलाल जानवर के गुर्दे खाये जा सकते हैं उन्हें खाना हराम नहीं लेकिन हजुर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को ना पसन्द थे इसलिए न खाना बेहतर है ।
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह,पेज 191)

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