क्या इमाम के लिए मुकतदियों की नियत करना ज़रूरी है?
⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬⏬बाज़ जगह कुछ ना ख्वान्दे जाहिल लोग इमामों को परेशान करते हैं और उन से इमामत की नियत पूछते हैं। हालांकि इमाम के लिए अलग से मुक्तदियों की इमामत की नियत करने की कोई ज़रूरत नहीं।
फतावा आलम गिरी में है:
والا ما ينوى ماينوى المنفرد ولا يحتاج الى نيت الا ماماة
और इमाम भी वही नियत करेगा जो अकेला आदमी नियत करता है और इमाम को इमामत की नियत की कोई ज़रूरत नहीं ।
(फतावा आलम गिरी जि.1,बाब 3,फ़स्ल4,स.66)
और ज़बान से नियत के अल्फाज़ अदा करना तो किसी के लिए भी किसी नमाज़ में ज़रूरी नहीं क्योंकि नियत दिल के इरादा का नाम है। उस की तफ़सील हम ने अपनी किताब
इमाम और मुकतदी में लिखी है।
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह,पेज 185)
No comments:
Post a Comment