हज़रत बिलाल के अज़ान न देने का वाकिआ
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हजरत बिलाल रदियल्लाहु तआला अन्हु के मुतअल्लिक एक वाकिआ बयान किया जाता है कि एक मर्तबा कुछ हज़रात ने उन की अज़ान पर एतराज़ किया वह शीन को सीन कहते हैं हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने उन को माजूल कर दिया और किसी दूसरे साहब ने अज़ान दी तो सुबह न हुई जब अज़ान हज़रत बिलाल ने दी तब सुबह हुई।
यह वाकिआ बे असल है मुस्तनद व मोअतबर हदीस व तारीख की किताबों में कही नहीं जो साहब बयान करें। उन से मालूम करना चाहिए कि उन्होंने यह वाकिआ कहाँ देखा। और यह हदीस कि हज़रत रसूल पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमायाः
سين بلال عند الله شين
बिलाल की सीन भी अल्लाह के नज़दीक शीन है।
इस हदीस को हज़रत मौलाना अली कारी मक़्क़ी रहमतुल्लाहि तआला अलैहि ने गढ़ी हुई फ़रमाया है।
(मौज़ूआत कबीर स 43,फतावा बहरूल उलूम जि.5,स.380)
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह,पेज 186)
यह वाकिआ बे असल है मुस्तनद व मोअतबर हदीस व तारीख की किताबों में कही नहीं जो साहब बयान करें। उन से मालूम करना चाहिए कि उन्होंने यह वाकिआ कहाँ देखा। और यह हदीस कि हज़रत रसूल पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमायाः
سين بلال عند الله شين
बिलाल की सीन भी अल्लाह के नज़दीक शीन है।
इस हदीस को हज़रत मौलाना अली कारी मक़्क़ी रहमतुल्लाहि तआला अलैहि ने गढ़ी हुई फ़रमाया है।
(मौज़ूआत कबीर स 43,फतावा बहरूल उलूम जि.5,स.380)
(गलत फहमियां और उनकी इस्लाह,पेज 186)
माशा अल्लाह सुब्ह़ानल्लाह
ReplyDeleteजज़ाकल्लाहु ख़ैरन कसीरा
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sachchihiqayathindi@blogspot.com